How कैल्शियम की कमी के लक्षण और इलाज can Save You Time, Stress, and Money.

Wiki Article



गंभीर हाइपरकैलसिमिया भ्रम, मनोभ्रंश और कोमा से पैदा कर सकता है, जो घातक हो सकता है।

हड्डियां और मांसपेशियाँ: ज्यादातर मामलों में, रक्त में अतिरिक्त कैल्शियम हड्डियों से जाता है, जिससे हड्डियाँ कमजोर हो जाती हैं। इससे हड्डी का दर्द, मांसपेशियों की कमजोरी और अवसाद हो सकता है।

अन्य स्रोत : मल्टी विटामिन के साथ-साथ कैल्शियम ग्लूकोनेट, कैल्शियम लैक्टेट, कैल्शियम फॉस्फेट, कैल्शियम एसीटेट, कैल्शियम साइट्रेट, ट्रिकल कैल्शियम फॉस्फेट व कैल्शियम लैक्टोग्लुकोनेट आदि उपलब्ध हैं।

इसके अलावा कैल्शियम रक्त का थक्का जमने में , मांसपेशीयों के संकुचन में तथा तंत्रिका तंत्र के काम करने में मदद करता है। कुछ विशेष प्रकार के एंजाइम तथा हार्मोन के सक्रिय होने के लिए कैल्शियम जरुरी होता है ।

यदि किसी कारण से कैल्शियम की कमी हो जाती है तो डॉक्टर की सलाह से कैल्शियम के कैप्सूल लिए जा सकते है। यदि भोजन से पूरा कैल्शियम मिल जाता है तो गोलियां लेने की जरुरत नहीं होती। दवा के रूप में अधिक कैल्शियम का उपयोग कब्ज और गुर्दे में पथरी का कारण बन सकता है।

डॉक्टर आपके लक्षणों के आधार पर कैल्शियम की कमी की जांच करते हैं। खून में कैल्शियम की मात्रा को मापने के लिए डॉक्टर आपको ब्लड टेस्ट करवाने को भी कह सकते हैं।

Dry fruits me akhroat, kaaju aur badam khane se bhi fayda milta hai. Badam ko bhigo kar khana chahiye.

यदि डाइट में बदलाव या सप्लीमेन्ट्स के कारण भी इलाज असफल हो रहा हो, तो फिर कैल्शियम इंजेक्शन की मदद ली जा सकती है। कैल्शियम के साथ ही डाॅक्टर विटामिन डी के लेवल को बैलेंस करने की भी सलाह दे सकते हैं। ऐसा इसलिए क्यांेकि ये शरीर में कैल्शियम के अच्छे स्तर को बनाए रखने में अहम योगदान देता है।

अतिकैल्शियमरक्तता अथवा हाइपरकैलसिमिया एक ऐसी have a peek at this web-site स्थिति है जिसमें रक्त में कैल्शियम का स्तर सामान्य से अधिक होता है।

शरीर में कैल्शिम की कमी होने पर लक्षण तुरंत नहीं दिखते हैं, क्योंकि शरीर हड्डियों से कैल्शियम निकालकर खून में कैल्शियम के स्तर को निंयत्रित करता रहता है। हालांकि, यदि कैल्शियम की कमी लम्बे समय तक चलती रहे, तो परिणाम गंभीर हो सकते हैं।

हमें अपने आहार में ऐसी चीज़ें शामिल करनी चाहिए जिनमें कि कैल्शियम की प्रचुर मात्रा हो।

पाचन तंत्र द्वारा अधिक कैल्शियम को अवशोषित करने के लिए।

हेल्थी डाइट अपनाना- कैल्शियम की कमी से बचाव का सबसे कारगर तरीका हेल्थी डाइट अपनाना है। ऐसी स्थिति में दूध, हरी पत्तियां सब्ज़ियाँ, दही इत्यादि का सेवन करना लाभदायक साबित हो सकता है।

नस पर नस चढ़ने की स्थिति दो तरह की हो सकती है. पहली स्थिति में आपको तत्काल दर्द होग और ठीक हो जाएगा. जबकि दूसरी स्थिति गंभीर और दर्दनाक हो सकती है जो आपको लाचार भी बना सकती है. कुछ लोगों को ये समस्या ज्यादा रहती है. ऐसे में समझ नहीं आता कि आखिर ऐसा क्यों होता है. आइए जानते हैं इसके पीछे की वजह. 

Report this wiki page